ओबीसी समाज के सम्मेलन में 10 प्रस्ताव हुए पारित
(ब्राह्मण के द्वारा कर्मकांड कराने से किया इंकार)
रायपुर।
ओबीसी समाज द्वारा ओबीसी महासभा के इस बड़े बैठक में ब्राह्मण समुदाय द्वारा ओबीसी समाज के लिए दिए गए आरक्षण के विरोध में हाईकोर्ट जाने और आरक्षण कम करवाने के विरोध में रोष जताया गया।
ओबीसी महासभा छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में टिकरापारा स्थित साहू छात्रावास में ओबीसी समाज के सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें पिछड़ी जातियों को जनसंख्या के आधार पर शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय, राजनीति और पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देने पर चर्चा की गई। सम्मेलन में 10 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।
सेमिनार में मुख्य अतिथि प्रदेश साहू समाज के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी एवं अध्यक्षता सीए विष्णु बघेल ने की। विशेष अतिथि चंद्राकर कुर्मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी चंद्राकर, कात्यायनी देवी वर्मा, तेज बहादुर बंछोर, अनिल कुमार देवांगन अध्यक्ष ओबीसी महासभा शगुन लाल वर्मा, संयोजक कमलेश साहू ने विचार व्यक्त किया।
ये प्रस्ताव हुए पारित
1ओबीसी जनसंख्या के आधार पर 5% आरक्षण की मांग
2 मंडल कमीशन आंदोलन में एससी वर्ग दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद
3ओबीसी महासभा एसटीएससी माइनॉरिटी के साथ मिलकर सभी आंदोलन में सहयोग करेगा
4 ओबीसी महासभा ने ओबीसी समाज के लिए 27% आरक्षण दिए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया
5 ओबीसी समाज के लोग एससी, एसटी को अपना भाई मानते हुए उनको जातिगत अपमानित नहीं करेंगे
6 ओबीसी क्रीमीलेयर का दायरा को पूर्णतः हटाया जाए
7 सवर्ण वर्ग द्वारा ओबीसी के अधिकार का हनन करना बंद करें अन्यथा शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय, राजनीतिक, धर्म, मठ-मंदिरों में पिछड़ा वर्ग सवर्ण के प्रति असहयोग आंदोलन करने पर मजबूर होगा
8 पिछड़ा वर्ग कर्मकांड में शिक्षित वर्ग द्वारा वैदिक मंत्रोधाार के माध्यम से संपन्न कराएं। ब्राह्मण की अनिवार्यता को समाप्त करें।
9ओबीसी समाज के महापुरुषों के साहित्य के साथ-साथ महात्मा फुले, पेरियार और अंबेडकर साहित्य का अध्यापन कराए
10 82 प्रतिशत आरक्षण को 3% की बढ़ोतरी करके 85% और एससी को 16% आरक्षण दिया जाए।