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आरक्षण की आंच बनी गले की फांस
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छत्तीसगढ में दलितों के आरक्षण में ४ प्रतिशत की कटौती रायपुर ! कांग्रेस के भारी विरोध और अपने ...
[D.M.A.-:1447] दलित मुव्हमेन्ट ऐशोसियेशन के एक प्रतिनीधि मंण्डल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में दलित जातियों की कठिनाईयों से अवगत कराया गया।
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दलित मुव्हमेन्ट ऐसोसियेशन ( सामाजिक अधिकारों के लिए प्रतिबध्द) शासन व्दारा मान्यता प्राप्त पंजीकृत कार्यालय:- 687 दोन्देखुर्द एच.ब...
अन्ना इन भ्रष्टाचारों पर मौन क्यों है ?
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संजीव खुदशाह अन्ना तथा कथित पाक-साफ छबी के बताये जाते है। यहां पाक छबी के भी अपने-अपने पैमाने है। चाहे कुछ भी हो अन्ना अपने आपको आम भार...
2 comments:
अन्ना, क्या यह गांधी की भाषा है ?
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कविता अन्ना , क्या यह गांधी की भाषा है ? भारत माँ की शान में , बुर्जुग अन्ना बैठ गये है रामलीला मैदान में। अन्ना आपसे देश को ब...
यदि देना ही था तो संजीव खुदशाह और ओमप्रकाश वाल्मीकि दोनों
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यह तथ्य डंक उपन्यास मे आया कि संजीव खुदशाह की प़सिध्द पुस्तक सफाइ कामगार समुदाय से ओमप़काश वाल्मीकि ने सामग़ी चुराइ। विस्तृत विव...
दलित साहित्य के तहत संजीव खुदशाह सुधीर सागर, गुलाब सिंह, सतनाम शाह, मुलख चांद, बब्बन रावत, रामनाथ चंदेलिया तथा और भी कई लोग हैं, जिन्होंने अपने लेखन में सिर पर मैला ढोने वालों के विषय में चर्चा की है।
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सफाई कामगारों की व्यथा से दूर हिंदी साहित्य साहित्य समाज का दर्पण कहलाता है। साहित्य मे हमें समाज की प्राचीन एवं नवीन- हर तरह की जान...
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