प्याज पॉकेट में रखने से लूं लगता है या नहीं
डॉक्टर बनसोडे
(मध्य प्रदेश की सरकार ने एक आदेश जारी किया कि इलेक्शन ड्यूटी में जाने वाले अधिकारी कर्मचारियों को लू से बचने के लिए प्याज मुहैया कराया जाए। ज्यादातर लोग मानते हैं कि गर्मी के दिनों में प्याज पॉकेट में रखने पर लू नहीं लगता इस पर डॉक्टर बनसोडे जी एक लेख प्रस्तुत कर रहे हैं पढ़े यह जरूरी आलेख।)
यह भी एक तरह का रूढ़िवादी अंधविश्वास है कि गर्मी के दिनों में बाहर निकलने से लू लग जाती है । यदि बाहर निकलना जरूरी है तो एक प्याज अपने पॉकेट में रखने से लू :- यानी सूर्य की गर्मी को प्याज खींच लेती है तथा व्यक्ति को लू नही लगती है ।
दरअसल जो मजदूर या किसान धूप में खेतों और सड़कों पर काम करते थे , उनका भोजन सुखी रोटी , कोई भी सब्जी , या सब्जी ना हो तो नमक तथा प्याज ही उनका भोजन था । इसके दम पर वे भारी दोपहर की गर्मी हो , ठंड हो या तेज बरसात सभी परिस्थिति में अपना जीवन निर्वाह करते थे ।
यदि हम देखें तो सुखी रोटी को प्याज़ खाने की वजह से खाने को गटकने के लिये हर निवाले पर पानी पीते जायेगा । गर्मी में वैसे भी अधिक से अधिक पानी की जरूरत शरीर को होती जो गरीब लोग अच्छी तरह जानते हैं । वे तो नदी , तालाब या खेत के पानी को भी पीकर पचा लेते हैं । हाँ जब कभी खराब पानी से कोई इंफेक्शन हो भी गया , तो उनकी मृत्यु का कोई गम भी नही करता है । खराब पानी से हम सब जानते ही हैं कि अनेक प्रकार की बीमारीं हो ही जाती है ।
जैसे पेट में कई प्रकार के परजीवी :- अमीबा , प्रोटोज़ोआ , हेलमिन्थिस इत्यादि , बैक्टीरिया तथा वाईरस से होने वाली बीमारियाँ जैसे पीलिया इत्यादि ।
इसलिये बिना पानी को छाने कोई भी पानी वैसे ही पीना हानिकारक है होता है ।
अब हमारे शहरी भाई और साथ ही गांव वाले भाई लोग भी बोतल बन्द पानी लेकर चलते हैं । अब जगह जगह फ्रिज का ठंडा पानी भी उपलब्ध हो जाता है ।इसलिये गर्मी में भरपूर पानी के पीने से ही लू (Heat Stroke) से बचा जा सकता है ।
प्याज़ खाना भी सलाद का हिस्सा है । भोजन में नियमित खाने से शरीर को लाभ ही मिलेगा ।
लेकिन रूढ़िवादी परम्परागत विचारों के लोगों को लगता है कि प्याज को अपने जेब (पॉकेट) में या साथ में रखने से लू नही लगती है ।
*यह भी एक अंधविश्वास है ।*
:-डॉ के बी बंसोड़े।
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