छत्तीसगढ के पेरियार श्री नंदकुमार बघेल की गिरफ्तारी असंवैधानिक
छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति
(छत्तीसगढ़ के सामाजिक, जनवादी, प्रगतिशील और जन संगठनों का संयुक्त मंच)
छत्तीसगढ के पेरियार श्री नंदकुमार बघेल की गिरफ्तारी असंवैधानिक
7 सितम्बर 2021
छत्तीसगढ के पेरियार के नाम से विख्यात 84 वर्षिय श्री
नंदकुमार बघेल की आज गिरफ्तारी हो गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों नंदकुमार बघेल ने यूपी में एक स्टेटमेंट दिया था जिसे ब्राम्हण विरोधी कहा जा रहा है। इसी मामले पर एक ब्राम्हण गुट के शिकायत पर उनकी गिरफ्तारी की गई।
नंदकुमार बघेल की आज गिरफ्तारी हो गई। गौरतलब है कि पिछले दिनों नंदकुमार बघेल ने यूपी में एक स्टेटमेंट दिया था जिसे ब्राम्हण विरोधी कहा जा रहा है। इसी मामले पर एक ब्राम्हण गुट के शिकायत पर उनकी गिरफ्तारी की गई।
श्री नंदकुमार बघेल ने कहा था *‘’ब्राम्हण विदेशी है उन्हे गंगा से वोल्गा भेजा जाना चाहिए।‘’* यहां पर ब्राम्हण को विदेशी कहे जाने पर आपत्ती है। अगर ये आपत्ती सही है तो *सबसे पहले उन्हे जेल भेजा जाना चाहिए जिन ब्राम्हणों ने अपने आपको विदेशी होने की बात कही है। जैसे वोल्गा से गंगा में महापंडित राहुल सांस्कृतियांन, भारत एक खोज में पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोकमान्य तिलक आदि आदि।*
ज्ञात हो कि नंद कुमार बघेल को एक वर्ग विशेष के खिलाफ तथाकथित टिप्पणी करने के आरोप में रायपुर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। उन्हें 15 दिनों के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया है। अब 21 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।
भारत एक ऐसा देश है जब एक समुदाय विशेष जंतर मंतर दिल्ली में संविधान की प्रतियां जलाता है, मनुस्मृति को लागू करने के नारे लगाता है तब गिरफ्तारियां नही होती। संविधान के हक-अधिकार, आरक्षण, जाति जनगणना के खिलाफ बोलने या लिखने से गिरफ्तारियां नही होती। लेकिन एक 84 साला बुजुर्ग की गिरफ्तारियां होती है जिन्होने उनकी ही बात को दोहराया है।
नंद कुमार बघेल छत्तीसगढ़ में लंबे समय से बहुजन जागृति के संदर्भ में कार्य करते आ रहे है। यह समझने की जरूरत है कि असल परेशानी उन्हे इनके भाषण से नही है। शिकायतकर्ताओं की परेशानी है, एक ओबीसी मुख्यमंत्री जिन्होने ओबीसी आरक्षण हेतु ओबीसी गणना का आदेश दिया है। ताकि ओबीसी के आरक्षण का मार्ग प्रसस्त हो सके। उन्हे परेशानी है की देश के अजा अजजा ओबीसी एवं अल्पसंख्यक को जगाने में नंद कुमार बघेल निर्णायक भूमिका में है। भेदभाव पूर्ण ब्राम्हणवादी व्यवस्था का वे विरोध करते है, लेकिन कई ब्राम्हण उनके शार्गिद है। चंद ब्राम्हणों को इसी से परेशानी है की ओबीसी सामाज आज जाग रहा है और जातीय गुलामी को तोड़ने की ओर अग्रसर है। वे आज अपने संवैधानिक हको को मांग रहे है। इसी बहाने वे ओबीसी मुख्यमंत्री को ही निशाना बनाना चाहते है।
वे लोग जो भुपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के पहले से नंदकुमार बघेल को जानते है, उन्हे मालूम है कि वे वंचित समुदाय अजा अजजा ओबीसी एवं अल्पसंख्यक के लिए हमेंशा आवाज उठाते रहे है। उनकी पहचान एक लेखक, किसान नेता एवं ओबीसी-बहुजन नेता के रूप में पहले से है। ऐसी स्थिति में उनकी गिरफ्तारी एक षडयंत्र का हिस्सा है। जिसकी हम निंदा करते है। समस्त अजा अजजा ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समाज को करनी चाहिए।
विनीत :
डॉक्टर गोल्डी एम जॉर्ज
*छत्तीसगढ़ नागरिक संयुक्त संघर्ष समिति*
सहभागी संगठन :
दलित मुक्ति मोर्चा / दलित स्टडी सर्कल / दलित मूवमेंट असोसीएशन / जाति उन्मूलन आंदोलन - छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ पिछड़ा समाज / सामाजिक न्याय मंच छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ महिला अधिकार मंच / महिला मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ / महिला जागृति संगठन / सबला दल / छत्तीसगढ़ बाल श्रमिक संगठन / राष्ट्रीय आदिवासी संगठन / बिरसा अम्बेडकर छात्र संगठन / संयुक्त ट्रेड यूनियन काऊन्सिल / खीस्तीय जन जागरण मंच / यंग मेन्स क्रिश्चयन ऐसोसिऐशन - रायपुर / छत्तीसगढ़ क्रिश्चयन फैलोशिप / मुस्लिम खिदमत संघ / यंग मुस्लिम सोशल वेलफेयर सोसायटी / छत्तीसगढ़ बैतुलमाल फाऊन्डेश / तथागत संदेश परिवार / इंसाफ छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन / छत्तीसगढ़ नागरिक विकास मंच / सिरसा / कसम - छत्तीसगढ़ / अखिल भारतीय समता सैनिक दल - रायपुर
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