शंकराचार्य यूनिवर्सिटी में द्वितीय स्थापना दिवस की रही धूम
जीवन में सफलता तभी मिलेगी, जब आपका लक्ष्य निर्धारित हो। इसके अभाव में आपकी सारी मेहनत बेकार है। स्थापना दिवस पर अध्यक्षीय उद्बोधन में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रो. निगम ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य क्लीयरिटी के साथ तय नहीं हो, तो फिर किसी भी मिशन की तैयारी का कोई मतलब नहीं रह जाता। यदि आप जिम्मेवारी के साथ आगे बढ़ेंगे, तो सिर्फ समाज ही नहीं पूरी कायनात आपके सहयोग के लिए आगे आ जाएगी। लेकिन बिना प्रयास किए आप सिर्फ यह सोचकर बैठे रहेंगे कि लोग स्वत: मदद करेंगे, तो आप इंतजार करते रह जाएंगे और गाड़ी छूट जाएगी। डिग्री व विद्वता दोनों में काफी फर्क है। विद्वान बनने के लिए अच्छी पुस्तकों का गहन अध्ययन जरूरी है। उन्होंने बताया कि श्री शंकराचार्य प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भिलाई केवल शिक्षा पर ही केंद्रित नहीं है बल्कि यह 360 डिग्री के तरीके से काम करता है। यह आपके अन्दर सभी तरह के नेतृत्व, टीम वर्क, दृढ़ संकल्प, लचीलापन, आत्मविश्वास, सम्मान इत्यादि जैसे व्यक्तिगत गुणों का विकास करने का काम करता है ताकि आप एक बहुमुखी व्यक्ति के रूप में विकास कर सकें। कुलपति महोदय ने कहा कि हम समय के अनुरूप अध्ययन के साथ-साथ खेल, लेखन, कला, नृत्य, संगीत आदि जैसे अन्य क्षेत्रों को भी बराबरी का दर्जा देने का प्रयास कर रहे हैं, साथ ही हमारा लक्ष्य एक समग्र शिक्षण वातावरण बनाने पर केंद्रित है।
इस अवसर पर श्री विनय पीताम्बरन, उप-कुलसचिव ने यूनिवर्सिटी के दो वर्षों के शानदार उपलब्धियों को विद्यार्थियों एवं उपस्थित अतिथियों के समक्ष रखा। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के सत्र-2020-21 एवं 2021-22 में प्रावीण्य सूची में उत्तीर्ण 120 छात्र-छात्राओं एवं विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में सफल 30 छात्र-छात्राओं को को प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
तत्पश्चात विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई, जिसमें शानदार एकल गायन अमनदीप, अखिल एवं विनय पीताम्बरन, उपकुलसचिव ने गया । एकल नृत्य भूमिका त्रिपाठी प्रियांशु कुर्रे आस्था त्रिपाठी, कृष्णा बहेती एवं मनजोत द्वारा प्रस्तुति दी गई। युगल नृत्य आस्था त्रिपाठी, कृष्णा बहेती ने किया वही समूह नृत्य पत्रकारिता एवं जनसंचार के छात्रों राखी भंडारी एवं उनके समूह द्वारा छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गीत “डरा लोर गे हे रे” पर दिया गया एवं अभिनय नुक्कड़ क्लब के सदस्यों ने “मोबाईल प्रयोग के बढ़ते खतरे” पर अपनी उत्कृष्ट अभिनय की प्रस्तुति दी साथ ही तुलसी ने मोनो एक्ट व रागिनी ने वीर रस की कविता प्रस्तुत की. कार्यक्रम का संचालन आरुषी जायसवाल बीटेक कंप्यूटर साइंस द्वितीय सेमेस्टर एवं इशिता बिस्वास, बीबीए द्वितीय सेमेस्टर द्वारा एवं आभार प्रदर्शन प्रो.(डॉ.) शिल्पी देवांगन, अकादमिक समन्वयक ने किया गया। स्थापना दिवस के गरिमामयी क्षण पर गणमान्य नागरिकों, विद्यार्थियों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं अधिकारीयों की उपस्थिति रही।
विनय पीताम्बरन
उप-कुलसचिव
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