नागपुर के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सामजिक विकास केंद्र नागपुर द्वारा आयोजित किया गया ।


नागपुर के दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सामजिक विकास केंद्र नागपुर द्वारा आयोजित किया गया । कार्यक्रम के मुख्य संयोजक श्री उमेश पिम्परे जी ने बहुत ही शानदार तरीके से कार्यक्रम को सम्पन्न कराया। कार्यक्रम में श्री संजीव खुदशाह, राकेश जी, डॉ कुलदीप वअन्य बुद्धिजीवीयों के नेतृत्व. में डोम डुमार, मलिक, बसोर, बांसफोर, बेन, बरार, राउत, धानुक, धारिकार, धनक,धेनुक,धनुष्य,कठेरिया,नगारची,नायक,हाडी,हेला,मखियार,तुरैहा,बजनिया,रूरवीह,धरकार, वाल्मीकि, सुदर्शन और भी बहुत सी जातियों के बीच रोटी बेटी  का सम्बन्ध बनाने व एक हो जाने के विचार को प्रमुखता से उठाया व समर्थन किया तथा राष्ट्रीय स्तर पर अपने एकीकरण व एक नए नामकरण करने का निर्णय लिया जो जातियों को तोड़नेँ व ब्राम्हणवाद के खिलाफ एक बहुत अच्छा प्रयास है।

 सबसे अच्छी बात है की इस समुदाय का जो बाल्मिकी और सुदर्शन के नाम पर ब्राह्मणीकरण किया गया उसका विरोध अब शुरू हो गया है इन समुदायों का बाल्मिकी और सुर्दशन से कोई लेना देना नहीं है !!! इस समुदाय पर अब तक ये आरोप लगाया गया की ये समाज भाजपाई है व ब्राह्मण वादी व्यवस्था के समर्थक है जबकि हकीकत

यह है कि तथाकथित आम्बेडकर वादियों और समाजवादी नेताओं ने इनके बीच न कभी काम करने का प्रयास किया ना इनके बीच किसी भी प्रकार का सम्बन्ध बनाने का प्रयास किया और ना ही इनके बीच जाने की जरूरत को समझा !! खासकर बहुजन समाज पार्टी ने इनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जैसा की एक ब्राह्मण एक दलित के साथ करता है। साथ ही साथ राजनीतिक छुआछुत भी किया । इनको एक असम्माजनक पेशे से जोड़कर देखा जाना आपत्तिजनक है !! आज ये खुूद आत्मचेतना से डाँ भीम राव आम्बेडकर के रास्ते पर चलने के लिए तैयार है , बिना किसी बैसाखी के बिना किसी फ़र्ज़ी अम्बेडकरवादियों के!!!
डॉं कुलदीप सिंग नई दिल्‍ली